विक्रम विश्वविद्यालय की अव्यवस्थाओं से मुक्ति कब


विक्रम विश्वविद्यालय में एडमिशन लेना अब विद्यार्थियों के लिए मुसीबत भरा हो गया है। पहले परीक्षा के लिए इंतजार और उसके बाद रिजल्ट के लिए भी महीनों इंतजार करना पड़ रहा है। नतीजा दो से तीन साल का पाठ्यक्रम ढाई से साढ़े तीन साल बाद भी अधूरा रहता है। इसके सीधे असर से विद्यार्थी अन्य विश्वविद्यालयों की तुलना में पिछड़ जाते हैं। एक ही शहर में पड़ोसी महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने आ रहे उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी को विद्यार्थी सोमवार को विक्रम विश्वविद्यालय की इन समस्याओं से अवगत कराएंगे। मंत्री पटवारी से उम्मीद है कि विश्वविद्यालय की इन अव्यवस्थाओं से विद्यार्थियों को मुक्ति दिलाते हुए विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए गंभीरता दिखाएंगे।

कॉलेजों में अब तक नहीं पहुंची अंकसूचियां
विवि में वार्षिक प्रणाली की परीक्षाओं के लिए विद्यार्थियों को छह महीने इंतजार करना पड़ा। इस वर्ष मार्च-अप्रैल में वार्षिक प्रणाली के अंतर्गत बीए, बीएससी और बीकॉम सहित सात पाठ्यक्रमों की प्रथम एवं द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं हुई थीं लेकिन रिजल्ट सितंबर-अक्टूबर में जारी किए। देरी से रिजल्ट देने के बावजूद विवि की स्थिति यह है कि अब तक इन पाठ्यक्रमों की अंकसूचियां तक तैयार कर कॉलेजों को नहीं भेजी गई हैं। विद्यार्थी अब मार्कशीट पाने के लिए भी इंतजार कर रहे हैं।

फेलोशिप कांड में भी नहीं गंभीरता, जांच ही पूरी नहीं
विक्रम विवि में रिसर्च फेलोशिप के फॉर्म स्वीकृत करने के नाम पर बाहरी व्यक्ति द्वारा रुपए लिए जाने के खुलासे के बाद भी विवि प्रशासन गंभीर नहीं है। 15 दिनों के भीतर विवि ने संदेह के घेरे में आए कम्प्यूटर सेंटर के सिस्टम इंजीनियर विष्णु सक्सेना को नोटिस जारी किया है। माधवनगर पुलिस द्वारा मामले में जानकारी के लिए पत्र भी विवि प्रशासन को भेजा गया लेकिन अब तक वह जवाब भी प्रस्तुत नहीं किया। जांच कमेटी भी अब तक बैठक कर सकी है।

अटकते रिजल्ट-पिछड़ता कोर्स



  • एमबीए की वर्ष 2017 की बैच का कोर्स मई-जून में ही पूरा हो जाना था। इसकी चौथे सेमेस्टर की परीक्षा लेकर रिजल्ट भी मई-जून में ही आ जाना चाहिए थे लेकिन स्थिति यह है कि चौथे सेमेस्टर का रिजल्ट ही अब तक जारी नहीं किया सका है, जिसके कारण पूरा कोर्स ही छह महीने से ज्यादा पिछड़ चुका है। साथ ही चौथा सेमेस्टर पूरा नहीं होने से विद्यार्थी कई बड़ी कंपनियों में जॉब के लिए कैंपस इंटरव्यू भी नहीं दे सके।

  • एमबीए के दूसरे सेमेस्टर का रिजल्ट भी अब तक जारी नहीं किया है। जबकि नवंबर-दिसंबर तक तीसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं हो जाना चाहिए थी।

  • एलएलबी के दूसरे, चौथे और छठवें सेमेस्टर की परीक्षाओं के रिजल्ट भी जारी नहीं हुए हैं। जबकि इनके अगले सेमेस्टर की परीक्षाएं अब तक हो जाना चाहिए थी।

  • बीएएलएलबी के दूसरे, चौथे, छठवें और आठवें सेमेस्टर की परीक्षाओं के रिजल्ट भी अब तक जारी नहीं हुए हैं। यह सभी कोर्स तीन से चार महीने पिछड़ चुके हैं।

  • बीए, बीएससी, बीकॉम सहित वार्षिक प्रणाली के 14 पाठ्यक्रमों के पुनर्गणना आैर पुनर्मूल्यांकन के रिजल्ट भी विवि घोषित नहीं कर सका। इन कोर्स की पूरक परीक्षाओं का कार्यक्रम भी जारी नहीं हुआ है।

  • पीएचडी-एमफिल की प्रवेश परीक्षा भी नहीं हो सकी है। 8 दिसंबर को परीक्षा होने के बाद पंजीयन शुरू हो सकेगा। इसका असर कोर्स वर्क पर पड़ेगा। छह महीने का कोर्स वर्क अगले सत्र में ही पूरा हो सकेगा।


विवि प्रशासन का दावा- अगले सत्र से परेशानी नहीं होगी
विक्रम विवि के कुलानुशासक डॉ. शैलेंद्र शर्मा ने बताया वार्षिक प्रणाली की परीक्षा में पहली मर्तबा ही बार कोड वाली उत्तरपुस्तिकाओं का उपयोग किया गया, जिसमें तकनीकी कारणों से रिजल्ट में कुछ देरी हुई। अब आगे की परीक्षा में बार कोड वाली कॉपियों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। अगले सत्र के लिए अभी से प्लानिंग की जा रही है, जिससे परीक्षाएं कराने और रिजल्ट घोषित करने का काम समय पर ही पूरा किया जाएगा। जो रिजल्ट आना बाकी हैं, वह जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे